मार्गदर्शक
मार्गदर्शक
बच्चों की शिक्षा पर जब
संकट के बादल छाये थे
दूरस्थ शिक्षण का माध्यम बन
हमारे शिक्षकों ने कदम बढ़ाये थे।
शुरू हुआ था लॉकडाउन तो
इम्तिहान की बारी थी।
वार्षिक परिणामों की खातिर
पैपर चैकिंग जारी थी।।
जारी जो परिणाम हुए
शिक्षक के परिश्रम अटूट प्रेम से
संभव हुआ।
अगले सैशन की तैयारी
बच्चों से करवानी थी।
सही समय पर बच्चों तक शिक्षण
सामग्री पहुंचानी थी
हमारे शिक्षक उस समय फरिश्ते बन आए थे।
बच्चों के भावी जीवन को
लेकर सबसे आगे थे।
"हर-घर-स्कूल" बनाने वाले
अध्यापक सब जागे थे।।
ऑनलाईन कक्षा में हर दिन
कोरोना का चारों ओर
भयानक माहौल था।
फिर भी शिक्षकों को
अपना फर्ज निभाना था।
हर हालत में बच्चों तक शिक्षा का साधन
पहुंचाना था।
अध्यापकों ने कभी कोई
आदेश नहीं ठुकराए थे?
खेल-कूद, योगा पढ़ाई
आनलाईन करवाई थी।
विद्यार्थी जो शत -प्रतिशत
अंकों को लाने वाले हैं।।
देश के ये अनमोल नगीने
हमारे शिक्षकों ने ही बनाए ।।
ब्रह्म और महेश्वर की
संज्ञा से जिसे नवाज़ा है।
गुरु नहीं वह मात्र, कई
बच्चों के दिल का फरिश्ता है।।
विद्या, आदर व अनुशासन
सिखलाने गुरु ईश्वर का रूप है।
हमारे शिक्षकों को कोटि कोटि नमन।