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कंचन कृतिका

Inspirational

4.6  

कंचन कृतिका

Inspirational

माँ

माँ

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जग से न्यारी है माँ, सबसे प्यारी है माँ!

प्यार स्नेह की फुलवारी है माँ!!


माँ है जीवनदायी, सच्ची जिसकी प्रभुताई!

हर विपदा सही, दी ममता की छाई!!

जिसके आँचल में है सारी दुनिया समाई,

तेरे आगे तो हर विपदा हारी है माँ!

प्यार स्नेह की फुलवारी है माँ!!


माँ है ज्ञान की गगरी, शब्दों की हाला!

धैर्य संयम की पुड़िया, प्रीत की पाठ‎शाला!!

झूमे महिमा पे जग जिसके होके मतवाला,

मधुर जीवन के राग की पिटारी है माँ!

प्यार स्नेह की फुलवारी है माँ!!


माँ के चरणों में ही, तो सारा जहान है!

काशी काबा है, अरदास अजान है!!

हर दिल में बसा तेरा प्रतिमान है,

ऐसी शक्ति पर कृतिका बलिहारी है माँ!

प्यार स्नेह की फुलवारी है माँ!!




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