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Aradhana Kanchan Saxena

Abstract

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Aradhana Kanchan Saxena

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खुशी मेरी अधूरी है

खुशी मेरी अधूरी है

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खुशी मेरी अधूरी है

तेरा साथ बहुत ज़रूरी है

सिर्फ साथ खड़े हो के नहीं

तेरा मन भी होना ज़रूरी है

मेरा भी मन करता है

कुछ बातें हो जो ना हुई पूरी हैं


खुशी मेरी अधूरी है

तेरा साथ बहुत ज़रूरी है


कुछ मैं कहूं कुछ तू सुने

प्यार के कुछ स्वेटर बुनें

मुझमें सब बुरी बातें ही नहीं

कुछ तारीफ भी किया कर

जो बातें मुझमें अनूठी हैं


खुशी मेरी अधूरी है

तेरा साथ बहुत ज़रूरी है

कभी मैं तुझे याद आऊं

ख्यालों में तुझको तड़पाऊं

कभी तो दूर हो के भी पास हों

ऐसी नजदीकियां भी तो ज़रूरी हैं

पास हो के भी क्यूं ऐसा लगता है


खुशी मेरी अधूरी है

तेरा साथ बहुत ज़रूरी है


तू क्यों पराया सा लगता है

मैने तो ये दुनिया ही समेट ली

दुनिया के नाम पर तेरे आगे पीछे ही घूम ली

पर मेरा भी तो कुछ वजूद है

ये बात तेरा समझना भी तो ज़रूरी है


खुशी मेरी अधूरी है

तेरा साथ बहुत ज़रूरी है।


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