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Harshika Gupta

Inspirational

4.7  

Harshika Gupta

Inspirational

जीवन "एक सत्य"

जीवन "एक सत्य"

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जीवन वो है ही नहीं जो हम उसे समझते रहे 

जिस ओर बहता गया उस ओर बहते रहे।

ऐसे चलते रहे जैसे स्वप्न कोई सुन्दर 

स्वप्न को ही सत्य समझने की भूल करते रहे।


अब तक तो पुष्प ही थे जीवन के उपवन में 

काँटों की तो छवि भी न थी अंतर्मन में,

पर अब जो ये कांटें उभर आये हैं

चलना है इन पर ही दृढ़ होकर 

ये वादा स्वयं से हम कर आये हैं।


न पराजय न असफलता का भय मन में,

अब चाह यही, अब राह यही, जीवन का

है सत्य यही !

इस राह में चुभते हैं कांटें तो ये कांटें चुभते रहे, 

क्योंकि जीवन तो वो था ही नहीं जो हम उसे

समझते रहे।



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