जानता हूँ
जानता हूँ
है तुझको भी शिकायत जानता हूँ
मैं दुनिया की रिवायत जानता हूँ।
किनारा कर रहे हैं लोग मुझसे
मैं लोगों की ये आदत जानता हूँ।
फफक कर रोयेगी जाने पे मेरे
मैं उस लड़की की चाहत जानता हूँ।
तूने इसलिए मुझको रखा है
हूँ मैं तेरी जरूरत जानता हूँ।
मैं क्यूँ जानूँ भला गीता-क़ुरआने
मुहब्बत बस मुहब्बत जानता हूँ।