हर कोई
हर कोई
हर कोई उड़ सकता है,
उन्मुक्त गगन में,
हर कोई लिख सकता है,
शायरों, ग़ज़लों में,
हर कोई तैर सकता है,
अपने आंसुओं की गहराइयों में,
हर कोई जी सकता है,
अपनों की तन्हाइयों में..!!
हर कोई उड़ सकता है,
उन्मुक्त गगन में,
हर कोई लिख सकता है,
शायरों, ग़ज़लों में,
हर कोई तैर सकता है,
अपने आंसुओं की गहराइयों में,
हर कोई जी सकता है,
अपनों की तन्हाइयों में..!!