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हमने देखा है

हमने देखा है

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पवन की मार से हार कर

पर्वत को गिरते देखा है।

आग से जलते मोम को

पत्थर बनते देखा है।


बूंद बूंद आंसूओं से

समुंदर बनते देखा है।

रेत के बने नाव को

समुंदर तरते देखा है।


दीप की चोटी लौ को

ज्वाला बनते देखा है।

अभेद्य चट्टानों को चीर के

नीर का रास्ता बनते देखा है।


छोटे से हिम के हठ से

सूरज को झुकते देखा है।

एक छोटी सी फूंक से

बवंडर बनते देखा है।


बारिश की बौछार को

ऊपर उठते देखा है।

महा विशाल तूफानों को

हाथों से रुकते देखा है।


हौसला बुलंद, खुद में विश्वास

और पाने की ज़िद हो अगर

तो नामुमकिन को मुमकिन बनते

हमने देखा है।।


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