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Krishn Upadhyay

Abstract

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Krishn Upadhyay

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हमारे नेता जी

हमारे नेता जी

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उज्जर कुर्ता काली जैकिट एक निशान है उनकी पहचान,

सभी लोगो को प्यारे है वो बोलो उनका क्या है नाम,


लेक्चर देकर प्रस्ताओ का रोकड़ निशदिन लेते हैं,

खून चूस कर जनता का वो खुद नेता बन जाते हैं,


करते है जब काम देश का सारी जनता सोती है,

खुद का विकाश करने में उनकी कुर्सी तक हिल जाती है,


चुनावी समय में एक बार सबके मसीहा बन जाते हैं,

लानत है ऐसे लोगो पर जो खुद नेता कहलाते हैं,


भाषण देते चौराहो पर भ्रष्टचार मिटा देंगे,

लेकिन पांच साल में देखो, इनको तो, कितना भ्रष्टचार बढ़ा देंगे,


खुद पढ़े लिखे नहीं नेता जी, लेकिन मंत्री शिक्षा के बन जाते हैं,

पढ़े लिखे शिक्षाविद को निशदिन रौब दिखते हैं।


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