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sanoj kumar

Inspirational

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sanoj kumar

Inspirational

हार क्यों मानना

हार क्यों मानना

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दूसरों से खुशी की अपेक्षा क्यों रखना ?

तुम अपने आप को खुश रख सकते हो।


औरों की बात सुन क्यों चिंता करना ?

तुम बातों की गहराई को स्वयं समझ सकते हो।


बात–बात में क्यों चिड़चिड़ा जाना ?

तुम शांत चित से काम ले सकते हो।


गिरने की डर से क्यों रूक जाना ?

तुम स्वयं हिम्मत से लड़ सकते हो।


लोगों की बात पर क्यों कदम उठाना ?

तुम सोच समझ कर खुद सही निर्णय ले सकते हो।


एक साथ ज्यादा काम का क्यों बोझ उठाना ?

तुम स्थिरता से हर कार्य को पूरा कर सकते हो।


कठिन समय को क्यों चुनौती देना ?

तुम थोड़ा ठहर, वक्त को मात दे सकते हो।


सफल ना होने के भय से क्यों घबराना ?

तुम अपने मेहनत से सफलता प्राप्त कर सकते हो।


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