एक सपने की मौत
एक सपने की मौत
दूर उस पहाड़ पर
पड़ा था एक सपना,
चांद सितारे की तरह चमकता
एक विशाल स्वर्णिम सपना।
बुलंद हौसले के साथ निकला
मैं पूरा करने वह सपना,
भूखा प्यासा भटक रहा
मैं पाने वह सपना।
बहुत समय बाद एक दिन
मुझे मिल गया वह सपना,
अथक परिश्रम के कारण
सच हुआ था वह सपना।
पल भर की खुशी दे पाया
मुझे छोटा सा वह सपना,
धूल में पड़ा हुआ था
मरा हुआ वह सपना।
दूर किसी पहाड़ पर
पड़ा था एक सपना,
चांद सितारे की तरह चमकता
एक नया स्वर्णिम सपना।
