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Manoj Singh

Abstract

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Manoj Singh

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एक मास्क से क्या होगा

एक मास्क से क्या होगा

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एक मास्क से क्या होगा

चेहरे तो कई हैं तुम्हारे

अरे भूल गए,ये वो मज़दूर ही तो हैं,


जो कल तक वोट बैंक थे तुमारे

गलती तुमारी नहीं, इनकी है,

कल फिर रैलियों में नारे लगाएंगे तुम्हारे


तुम कल फिर जीत जाना

फिर काम आएंगे ये तुमारे

आपको क्या लगता है, ये सिर्फ

किस्मत के है मारे, कुछ तो नेताओं

ने भी छोड़ा है इनको इनकी क़िस्मत सहारे


एक मास्क से क्या होगा

चेहरे तो कई हैं तुम्हारे।


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