आदत
आदत
सुर्ती, गांजा, भांग, पान, धूम्रपान, मद्य पान,
जिंदगी का छद्म छलावा नशा,
गोरी, छोरी, हुस्न आशिकी,
इंसान के डोलते ईमान का नशा !
गंजेड़ी, भंगेड़ी, नशेड़ी शराबी, कबाबी,
जुआरी, महान के तमाम नाम नशा,
बीमार कि दावा, नशेमन नीशील जहरीली ड्रग
एडिक्शन नए जहां के नौजवान का नशा !
मजदूर के पसीने से टप टप टपकता,
दारु परिवार कि भय, भूख,
अर्धढ़ के वदन बेहाल आंखों के मासूम आँसू मजबूर,
तकदीर, अरमान के बाप का नशा !
तरुण छोड़ता सिगरेट कि लंबी कश का धुंआ,
नौजवान चरस, हीरोइन, हसिस कि चिलम
चिमनी को थामे दवा का मेवा ड्रग्स एक्शन का सन हीरो।
माँ बाप के अरमां का कातिल
समाज के विगड़ते हालात का नशा,
आँख सलामत फिर भी अंधे,
सूरज का उजाला फिर भी अँधेरा।
अंधी गलियों कि दौड़ नज़र
आज के नौजवान का नशा,
नशा नसीहत कि गली से गुजर जाता हद से
गटर वॉटर गंगा जल, जमीं, जन्नत।
विगड़े छैल छबीले के ग्यान,
विग्यान के भविष्य वर्तमान का नशा,
जात, पात नहीं धर्म, अधर्म, रिश्ता,
नाता, मित्र, शत्रु नहीं दीन,
ईमान नहीं ऊंच नीच नहीं,
भेद भाव नहीं आदमी
इन्सान का पथ भ्रष्ट भ्रष्टाचार नशा !