भोजपुरी पौराणिक होली-फागुन में
भोजपुरी पौराणिक होली-फागुन में
श्याम सुंदर कहवा बजवला, फागुन में बांसुरिया|
राधा भी नाचे संग गोपिया भी नाचे|
झाल मजीरा बाजे मृदंग भी बाजे|
काहे गोकुला में रंगवला चादरिया|
श्याम सुंदर कहवा बजवला, फागुन में बांसुरिया|
रास रचवला श्याम बृंदा हो बनवा|
बांसुरी बजाई गवला फागुन गनवा|
भरी पिचकारी भिंगवला राधा हो गुजरिया|
श्याम सुंदर कहवा बजवला, फागुन में बांसुरिया|
श्याम मन बसिया बड़ा रंग रसिया|
उद्धो के न सूझे तू काली नाग नथिया|
मोहन मुरारी दे द तू राधे निसानी मुरलिया|
श्याम सुंदर कहवा बजवला, फागुन में बांसुरिया|
तू बाँके बिहारी तू कृष्ण मुरारी कहाला|
तीनों लोक सुधारी तू मदन मुरारी पुजाला|
गिरधारी रंगवा लगाई भिंजावे कोरी चुनरिया|
श्याम सुंदर कहवा बजवला, फागुन में बांसुरिया|