सबकर भक्ति देखि शिव खुल गइले नयनवा| जागा जागा हे महादेव, अइले फागुन के महीनवा| सबकर भक्ति देखि शिव खुल गइले नयनवा| जागा जागा हे महादेव, अइले फागुन के महीनवा|
तीनों लोक सुधारी तू मदन मुरारी पुजाला| गिरधारी रंगवा लगाई भिंजावे कोरी चुनरिया| तीनों लोक सुधारी तू मदन मुरारी पुजाला| गिरधारी रंगवा लगाई भिंजावे कोरी चुनरिया|
कब अइहे साजन मोर निहारी रोज रहिया गाल गुलबी भइल उड़े गुलाल गगनवा हो सईया ले गईले ना हमके गवनवा ना... कब अइहे साजन मोर निहारी रोज रहिया गाल गुलबी भइल उड़े गुलाल गगनवा हो सईया ले ग...