तिरंगा
तिरंगा
चौथी कक्षा में पढ़ने वाला मन्नु प्रतिदिन शाम को अपने बाबा की चाय की दुकान पर उनकी मदद करवाता। एक दिन चाय का कचरा फेंकते वक्त उसकी नज़र किसी चीज पर पड़ी। वो बहुत देर तक उसको देखता रहा फिर उसने उसे उठा लिया और वापस आ गया।
बाबा ने पूछा- क्यूँ रे मन्नु ! इतनी देर क्यूँ लगा दी और ये क्या पकड़ रखा है हाथ में। हाथ को ऊपर उठाते हुए मन्नु ने कहा- बाबा ये तिरंगा है, मास्टरजी ने बताया है कि ये हमारे देश की शान है, हमें तिरंगे का सम्मान करना चाहिए।
हम इसे अपने ठेले पर लगायेंगे। इतना कहकर मन्नु जोर-जोर से गाने लगा- विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊँचा रहे हमारा…..।