स्व-विश्वास की पतवार ही तो जीवन की नैया लगाएगी पार। स्व-विश्वास की पतवार ही तो जीवन की नैया लगाएगी पार।
हाहाकार मचा धरा, नहीं जल-उपवन-अन्न शेष; क्यूँ तू प्रलय लाने तुला, धरा क्यूँ मनु दानव भेस... हाहाकार मचा धरा, नहीं जल-उपवन-अन्न शेष; क्यूँ तू प्रलय लाने तुला, धरा क्यूँ मनु...
न आराध्य की आराधना में हिय विलीन स्व-मंथना में।। न आराध्य की आराधना में हिय विलीन स्व-मंथना में।।
गहराइयों से, बदन से, समन्दर बहुत विशाल सही, गला सूखे तो, दो घूँट पीने का पानी भी, कहीं रक्खा करो...! गहराइयों से, बदन से, समन्दर बहुत विशाल सही, गला सूखे तो, दो घूँट पीने का पानी भी...
जिसे होती दुनिया मे स्व-कदर, वो ही बनता है,यहां सर्वश्रेष्ठ नर। जिसे होती दुनिया मे स्व-कदर, वो ही बनता है,यहां सर्वश्रेष्ठ नर।
लिखना... लिखना...