बचपन से आज तक गुरु बनी रही, हर तकलीफ हमारे लिए सहती रही बचपन से आज तक गुरु बनी रही, हर तकलीफ हमारे लिए सहती रही
नहीं तलब अब किसी और खुशी की तुम बस दिल से मुस्कुराया करो नहीं तलब अब किसी और खुशी की तुम बस दिल से मुस्कुराया करो
रोया है परिवार मेरा अब तुमको भी रोना होगा, जैसे तुमने हमें सुलाया तुमको भी सोना होगा रोया है परिवार मेरा अब तुमको भी रोना होगा, जैसे तुमने हमें सुलाया तुमको भी सो...