रसोई से उठती है जिस रोज खुशबुओं की गमक, जीभ भी जायका सोचती है और त्यौहार बना देती है। रसोई से उठती है जिस रोज खुशबुओं की गमक, जीभ भी जायका सोचती है और त्यौहार बना दे...
हाँ गुनाह है मेरा तुमसे मोहब्बत का, और हम पे ये इल्ज़ाम भी हो, हम तो लुट चुके तेरे प्यार में, त... हाँ गुनाह है मेरा तुमसे मोहब्बत का, और हम पे ये इल्ज़ाम भी हो, हम तो लुट चुके...
अब अश्क नहीं बहता आंखों से पानी है जो मन पे लगा वो संजीदा कहानी है। अब अश्क नहीं बहता आंखों से पानी है जो मन पे लगा वो संजीदा कहानी है।
आज वो खुद की खामोशी में ही ज़िंदा हो गयी, देखते देखते वो लड़की संज़ीदा हो गयी। आज वो खुद की खामोशी में ही ज़िंदा हो गयी, देखते देखते वो लड़की संज़ीदा हो गयी।
उम्र गुजरी थी तमाम बस अपनी शर्तों पर, न कभी वक़्त से थका न लिया दम था उम्र गुजरी थी तमाम बस अपनी शर्तों पर, न कभी वक़्त से थका न लिया दम था
रिश्तों के डसने से रो रहे अब चंदन बर्फ में रहकर भी जल रहे अब चंदन रिश्तों के डसने से रो रहे अब चंदन बर्फ में रहकर भी जल रहे अब चंदन