साथ दोनो को एक दूजे की निभानी
साथ दोनो को एक दूजे की निभानी
1 min
606
अब अश्क नहीं बहता आंखों से पानी है
जो मन पे लगा वो संजीदा कहानी है।
बीती बातों को दिलों से क्या लगाना
जो बीती सो बीती वो यादें पुरानी है।
बात दो दिलों में दोष मगर एक की ही क्यूं
साथ तो दोनो को एक दूजे की निभानी है।
