सूख गया है गला कोयल का गा गाकर, अब थक गया है सूरज भी रोज़ निकलकर । कल तुमने जो मेरे घर मे उधम मचाय... सूख गया है गला कोयल का गा गाकर, अब थक गया है सूरज भी रोज़ निकलकर । कल तुमने जो...
हर रोज विस्मित सा खड़ा सोचता मैं व्यथा में, क्या आज का निवाला आयेगा दामन में ? हर रोज विस्मित सा खड़ा सोचता मैं व्यथा में, क्या आज का निवाला आयेगा दामन में...
बाहर वायरस घूम रहा, लेकिन घर भी तो चलाना है बाहर वायरस घूम रहा, लेकिन घर भी तो चलाना है
आम आदमी जीये कैसे, उसकी न कुछ समझ में आये ये सब हम क्यों कहते हैं, कोई तो मुझको बतलाये। आम आदमी जीये कैसे, उसकी न कुछ समझ में आये ये सब हम क्यों कहते हैं, कोई तो मुझ...
अपने ही अपनों के हाथों से अब बहुत कट चुके हैं हम मत बांटो इस धरती को अब बहुत बँट अपने ही अपनों के हाथों से अब बहुत कट चुके हैं हम मत बांटो इस धरती को ...
घर का राशन तू आये ना आये क्या फर्क पड़ता है ? घर का राशन तू आये ना आये क्या फर्क पड़ता है ?