ख्वाब घर से खुद बाहर जाने का था अपनी टांगो से जाओ या पावर व्हीलचेयर से देख कर लोग ख्वाब घर से खुद बाहर जाने का था अपनी टांगो से जाओ या पावर व्हीलचेयर से दे...
जिसको उम्मीद की आश न थी उसके किस्मत जग मगा गए। जिसको उम्मीद की आश न थी उसके किस्मत जग मगा गए।
बेसब्र इस जुदाई का अंजाम हो तू मेरे जुस्तजू का संगम हो तू। बेसब्र इस जुदाई का अंजाम हो तू मेरे जुस्तजू का संगम हो तू।
तेरे द्वार पे जो भी आया, तूने प्रीत निभाई तेरे द्वार की मैं हूं दासी, मेहर की आस लगाई तेरे द्वार पे जो भी आया, तूने प्रीत निभाई तेरे द्वार की मैं हूं दासी, मेहर की...
गूंजेगी तेरी आवाज साखी हर शहर है जब तक भोले का तेरे लबों पे स्वर है गूंजेगी तेरी आवाज साखी हर शहर है जब तक भोले का तेरे लबों पे स्वर है
देहात से शहर तक मेहर तेरी पर, किसी ने ये कब है मानी? देहात से शहर तक मेहर तेरी पर, किसी ने ये कब है मानी?