शिव स्तुति
शिव स्तुति
हमें इस दुनिया में किस बात का डर है
जब भोले बाबा का अपने सर पे कर है
लाख क्या कोटि शूल आकर टकराए,
हमारे हृदय में तो भोले बाबा ही समाए,
हमें क्यों जाये भला किसी के भी घर है?
जब पकड़ा हुआ भोले बाबा का दर है
गूंजेगी तेरी आवाज साखी हर शहर है
जब तक भोले का तेरे लबों पे स्वर है
जग के सब रिश्ते-नाते स्वार्थी बहुत है,
केवल मेरे बाबा ही निःस्वार्थ कलंदर है
सुबह-शाम क्या नाम लेता हर पहर है
मैं तेरा तुच्छ दास, तू मेरा स्वामी हर है
करुणामय प्रभु कभी तुझे भूलूँ नहीं,
ऐसा देना महाकाल आप मुझे वर है
मौत का मुझे तनिक भी भय नहीं है,
मेरे ऊपर जो मेरे भोले की मेहर है
जग हित में पी लिया तूने विष बाबा,
तू दया रहम की भोले अथाह लहर है
