अमरत्व पिये वह जिंदा है , जिसने कर लेखन छोड़ गये । अमरत्व पिये वह जिंदा है , जिसने कर लेखन छोड़ गये ।
शरीर, इंद्रियों के सहित, जीवित ही प्राप्ति होती उसे परमात्मा तत्व की। शरीर, इंद्रियों के सहित, जीवित ही प्राप्ति होती उसे परमात्मा तत्व की।
ज्ञान हृदय में उतर जाये तो, उसे पचाना भूलना नहीं। ज्ञान हृदय में उतर जाये तो, उसे पचाना भूलना नहीं।
किसी के इशारे पर नाचनेवाली कठपुतली मत बनो बल्कि स्वावलंबी बने और बुद्ध की भांती ज्ञान प्राप्त करे... किसी के इशारे पर नाचनेवाली कठपुतली मत बनो बल्कि स्वावलंबी बने और बुद्ध की भांती ...
अधमरा सा जिंदगी जी रहा हूँ मैं या सीधे लफ्ज में कहूँ तो चालीस पार कर गया हूँ मैं अधमरा सा जिंदगी जी रहा हूँ मैं या सीधे लफ्ज में कहूँ तो चालीस पार कर गय...