जब चहकते विहान के आफ़ताब सी प्यारी कन्या जन्मी थी। जब चहकते विहान के आफ़ताब सी प्यारी कन्या जन्मी थी।
प्राची है तू शुरुआत जगत की, अंत हो कारण केवलज्ञान। प्राची है तू शुरुआत जगत की, अंत हो कारण केवलज्ञान।
धरती दुल्हन सी लगे पा नभ प्रिय का स्पर्श परिवर्तन दिखने लगे पाके दिनकर के दर्श खग मृग संग जग भी ... धरती दुल्हन सी लगे पा नभ प्रिय का स्पर्श परिवर्तन दिखने लगे पाके दिनकर के दर्...