वह संदर्भ है, मेरी संपूर्ण रचना का। मैं प्रसंग हूं! वह संदर्भ है, मेरी संपूर्ण रचना का। मैं प्रसंग हूं!
तुम्हारे संग एक अटूट रिश्ते में बंध जाना चाहती हूँ। बिन फेरे लिए ही मैं तो बस तेरी हो जाना चाहती हू... तुम्हारे संग एक अटूट रिश्ते में बंध जाना चाहती हूँ। बिन फेरे लिए ही मैं तो बस त...
नदी से तैरते एहसास कलम से कुछ लिखने की प्यास वो नायक का परदेशी रुआब। नदी से तैरते एहसास कलम से कुछ लिखने की प्यास वो नायक का परदेशी रुआब।
कहने को तो हमने शीर्ष पर पहुँचकर झंडा फहरा दिया ! शालीनता ,धैर्य ,प्यार सबको भूलकर ज़माने को असल... कहने को तो हमने शीर्ष पर पहुँचकर झंडा फहरा दिया ! शालीनता ,धैर्य ,प्यार सबको...
ये दुनिया है, मेरे समझ में न आती कभी यह लुभाती, कभी यह चिढ़ाती। ये दुनिया है, मेरे समझ में न आती कभी यह लुभाती, कभी यह चिढ़ाती।
दुश्मनों का मैं अंत कर देश को बचाऊंगा। दुश्मनों का मैं अंत कर देश को बचाऊंगा।