मैंने तुम्हारे आँखों में उमड़ते हुए प्रेम के अथाह सागर को देखा है. मैंने तुम्हारे आँखों में उमड़ते हुए प्रेम के अथाह सागर को देखा है.
एक खींचता इस जीवन रथ को, तो दूजा हरदम राह दिखाता है. एक खींचता इस जीवन रथ को, तो दूजा हरदम राह दिखाता है.
घने कोहरे में भी खिल आती हो धूप गर्माहट का आश्वासन देती हुई सी , घने कोहरे में भी खिल आती हो धूप गर्माहट का आश्वासन देती हुई सी ,
उड़े होंगे इसके साथ दूर आकाश में उस भोले मन के भविष्य के सपने उड़े होंगे इसके साथ दूर आकाश में उस भोले मन के भविष्य के सपने
पर अब मां...! बुड्ढी हो गई है ना भागती है ना दौड़ पाती है बस एक कोने पर पड़ी रहती है पर अब मां...! बुड्ढी हो गई है ना भागती है ना दौड़ पाती है बस एक कोने पर पड़ी ...