तुम चली गई गुबार रह गया ओ छलिया ओ छलिया। तुम चली गई गुबार रह गया ओ छलिया ओ छलिया।
हम सब उद्धव सहेज धरीं, छलिया नटवर गिरधर की यादें। हम सब उद्धव सहेज धरीं, छलिया नटवर गिरधर की यादें।
छला गया छलिया के जाले में उस दिन फँस फँस के। छला गया छलिया के जाले में उस दिन फँस फँस के।
मधुबन तुम्ही बताओ मोहन कहाँ गया है कैसे झुलस गया है कोमल बदन तुम्हारा मधुबन तुम्ही बताओ मोहन कहाँ गया है कैसे झुलस गया है कोमल बदन तुम्हारा
तट पे जाऊँगी फिर पछताऊँगी आ गये मोहन यहाँ भी हो क्या बात हो गई तट पे जाऊँगी फिर पछताऊँगी आ गये मोहन यहाँ भी हो क्या बात हो गई
छलिया को सजा सुनाने वाले की कमी रही राम के युग में भी स्त्री के साथ बदी हुई छलिया को सजा सुनाने वाले की कमी रही राम के युग में भी स्त्री के साथ बदी हुई