हम सब उद्धव सहेज धरीं, छलिया नटवर गिरधर की यादें। हम सब उद्धव सहेज धरीं, छलिया नटवर गिरधर की यादें।
प्रज्वलित रहे यह दीप नेह का मैं दो हथेलियों की ओट दूँगी। प्रज्वलित रहे यह दीप नेह का मैं दो हथेलियों की ओट दूँगी।