पल भर नहीं लगते अग्नि को प्रज्वलित होने में रुस्वाईयां के आंगन में, लगता है रो लूँ, ज़ी भर-भर ... पल भर नहीं लगते अग्नि को प्रज्वलित होने में रुस्वाईयां के आंगन में, लगता ह...
तुम हर हाल में अपनी आशा का दीपक जलाए रखना ! तुम हर हाल में अपनी आशा का दीपक जलाए रखना !
प्रज्वलित रहे यह दीप नेह का मैं दो हथेलियों की ओट दूँगी। प्रज्वलित रहे यह दीप नेह का मैं दो हथेलियों की ओट दूँगी।