मुरली भजन
मुरली भजन
मुरली बजा के मोहना क्यों कर किनारा
ढूंढा गली गली में खोजा डगर डगर में
मन में यही लगन है दर्शन मिले दुबारा
मुरली.....
मधुबन तुम्ही बताओ मोहन कहाँ गया है
कैसे झुलस गया है कोमल बदन तुम्हारा
मुरली....
यमुना तुम्ही बताओ छलिया कहाँ गया है
मेरे श्याम मेरे कन्हैय्या
तू भी छली गई है कहती है नीलधारा
मुरली......
दुनिया कहे दीवानी पागल कहे जमाना
पर तुमको भूल जाना हमको नहीं गवारा
मुरली......
राधा की पीर निर्मल व्याकुल हृदया ही जाने
समझेगा क्या भला वो जिसको ना गम पिया रे मुरली.....