घूँट घूँट रुह तक उतरती एक ख़ुशनुमा एहसास सी ? घूँट घूँट रुह तक उतरती एक ख़ुशनुमा एहसास सी ?
क्योंकि मैं केवल मिश्रण ही नहीं मिश्रित भी हूं। क्योंकि मैं केवल मिश्रण ही नहीं मिश्रित भी हूं।
ना चीनी कम ना नमक है ज्यादा थोड़ा चश्मा बदलो तो सब है बराबर। ना चीनी कम ना नमक है ज्यादा थोड़ा चश्मा बदलो तो सब है बराबर।
कविमन विरल राजनेता राजनीति गहरे सरोकार साहित्य संवेदक जननायक ! कविमन विरल राजनेता राजनीति गहरे सरोकार साहित्य संवेदक जननायक !
तू ना जा मेरे बादशाह, चीनी लेने के लिए लॉकडाउन तोड़ के तू ना जा मेरे बादशाह, चीनी लेने के लिए लॉकडाउन तोड़ के
शहर हर गांव गली मोहल्ला हर कहीं से इसकी महक आए। शहर हर गांव गली मोहल्ला हर कहीं से इसकी महक आए।