चाय
चाय
शहर हर गांव गली मोहल्ला
हर कहीं से इसकी महक आए
चर्चा का विषय इसे लेकर ही बनाएं
(चाय पर चर्चा)
दोस्तों की महफिल हो या अपनों का संग
बिना इसके तो मजा ही ना आए
दो वक्त तो कम से कम मिल भी जाए
संग नमकीन और बिस्किट चार चांद लगाए
पीते ही आंखों की नींद छूमंतर हो जाए
ठंड और जाड़े की भी तो ये बाट लगाए
तलब इसकी छोड़ें तो भी ना छोड़ी जाए
गर्म पानी में
थोड़ी चीनी
थोड़ी पत्ती
थोड़ा दूध
डालकर उबालने से जो बन जाए
बताओ क्या है भाई ठीक समझा
*चाय....*
