जो रंग मन को भाये पहनो ओढ़ो और बिछाओ जो रंग मन को भाये पहनो ओढ़ो और बिछाओ
अपनी साँसों की हर आहट भी वो ले कर गया अपने साथ अपनी साँसों की हर आहट भी वो ले कर गया अपने साथ
कोई कहेगा क्या ये सोचना है क्यों फिजूल बातों से भला डरूँ मैं क्यों कोई कहेगा क्या ये सोचना है क्यों फिजूल बातों से भला डरूँ मैं क...