भक्ति और प्रेम ब्रजवासियों का वहाँ देखा जो सुनाया उनको भक्ति और प्रेम ब्रजवासियों का वहाँ देखा जो सुनाया उनको
श्री शुकदेव जी कहते हैं परीक्षित शरद ऋतू आई थी व्रज में। श्री शुकदेव जी कहते हैं परीक्षित शरद ऋतू आई थी व्रज में।
नाना उग्रसेन के मथुरा नगरी की शोभा आपार , थी बड़ी बड़ी हवेलियाँ औ' ऊँचे ऊँचे तोरण द्वार नाना उग्रसेन के मथुरा नगरी की शोभा आपार , थी बड़ी बड़ी हवेलियाँ औ' ऊँचे ऊँचे तो...
एक साथ मिलकर सभी फिर गुणों का गाण करें कृष्ण के। एक साथ मिलकर सभी फिर गुणों का गाण करें कृष्ण के।
लोकमर्यादा की रक्षा के लिए वहीं पर यज्ञ किया था उन्होंने। लोकमर्यादा की रक्षा के लिए वहीं पर यज्ञ किया था उन्होंने।
रासोत्सव के दर्शन की लालसा से उनके मन वश में नहीं थे रासोत्सव के दर्शन की लालसा से उनके मन वश में नहीं थे