गुमनाम ख़यालों की नज़्में बना मैं गुनगुना रहा हूँ , बड़ी अरसों के बाद खुद से गुफ़्तग गुमनाम ख़यालों की नज़्में बना मैं गुनगुना रहा हूँ , बड़ी अरसों के बाद खुद ...
एक अरसे के बाद आया मुझे क़रार, वो सहला के मुझे सुला रही थी एक अरसे के बाद आया मुझे क़रार, वो सहला के मुझे सुला रही थी
कुछ तुम कहो कुछ हम कहें ग़म की कहानी बना लें। कुछ तुम कहो कुछ हम कहें ग़म की कहानी बना लें।
कुछ दिल से निकाल लेता हूं कुछ दिल से निकाल लेता हूं
बड़ी शान से मना लिया हमने हमारा स्वतंत्रता दिन । बड़ी शान से मना लिया हमने हमारा स्वतंत्रता दिन ।
टूट टूट कर गिरती हुयी सूखे दरख्तों की टहनियां। टूट टूट कर गिरती हुयी सूखे दरख्तों की टहनियां।