मेरी बेरुख़ी और ओढ़ी हुई व्यस्तता के बीचउपेक्षा की यंत्रणा भरी धीमी -- धीमी मौत मर रहे थे. मेरी बेरुख़ी और ओढ़ी हुई व्यस्तता के बीचउपेक्षा की यंत्रणा भरी धीमी -- धीमी मौत म...
मां बोली कैसे इस ग़रीबी में, मेरे बच्चे के सपने बिखर गए। मां बोली कैसे इस ग़रीबी में, मेरे बच्चे के सपने बिखर गए।
खो गयी इन्सानियत.. झुठला गयी है रिश्ते सब... भूख इन्सानियत, फर्ज, प्रेम पर भारी है... आज देखो ज... खो गयी इन्सानियत.. झुठला गयी है रिश्ते सब... भूख इन्सानियत, फर्ज, प्रेम पर भा...
दुनियां का ये नज़र का चश्मा, थोड़ा सा मैं हटाना चाहूं ! दुनियां का ये नज़र का चश्मा, थोड़ा सा मैं हटाना चाहूं !
बरसात में टपकती रहती है छत उसके कच्चे मकानों की, बरसात में टपकती रहती है छत उसके कच्चे मकानों की,
हर दिन हमारी आँखों के सामने, हमारे आसपास इंसानियत का कत्ल होता है और हम कुछ करना तो दूर कुछ कहते भी ... हर दिन हमारी आँखों के सामने, हमारे आसपास इंसानियत का कत्ल होता है और हम कुछ करना...