सूखे खेतों की नाली में झर झर पानी बहने दो। सूखे खेतों की नाली में झर झर पानी बहने दो।
और उसके सपने सफेद चादर से ढक गए एक स्त्री का यह कैसा वक्त आ गया और उसके सपने सफेद चादर से ढक गए एक स्त्री का यह कैसा वक्त आ गया
बसंत में प्रकृति हुई बासंती, बहती बयार हुई मधुमाती बसंत में प्रकृति हुई बासंती, बहती बयार हुई मधुमाती
मेरे वो साल महीने ,मुझे वापस कर दे साथ गुजरे हुए लम्हे मुझे वापस कर दे! मेरे वो साल महीने ,मुझे वापस कर दे साथ गुजरे हुए लम्हे मुझे वापस कर दे!
निशा के लिए भाई ही मां बाप दोस्त सब था। निशा के लिए भाई ही मां बाप दोस्त सब था।
सांसों के झंकृत साजों से, जीवन भी गति पाते। सांसों के झंकृत साजों से, जीवन भी गति पाते।