कांधे पर निश्चिंत बैठी नन्ही बिटिया देख रही जग सारा कांधे पर निश्चिंत बैठी नन्ही बिटिया देख रही जग सारा
सुकून पा लेती हूं अक्सर तुम्हारे कांधे पर सर टिका कर सुकून पा लेती हूं अक्सर तुम्हारे कांधे पर सर टिका कर
संसर्गों की खुशबू ऐसी फैलेगी खुशबू का इतिहास बदल सा जाएगा संसर्गों की खुशबू ऐसी फैलेगी खुशबू का इतिहास बदल सा जाएगा
अचानक एक चिट्ठी उनके शहर से आई, चिट्ठी पड़ते ही एक मायूसी सारी हवेली में थी छाई। अचानक एक चिट्ठी उनके शहर से आई, चिट्ठी पड़ते ही एक मायूसी सारी हवेली में थी ...