इतना दर्द क्यूँ देते हो हमें इतना दर्द क्यूँ देते हो हमें
सिमटी रहूं मैं अपने ही दायरे में " ये कहने का अधिकार तुम्हें किसने दिया था। सिमटी रहूं मैं अपने ही दायरे में " ये कहने का अधिकार तुम्हें किसने दिया था।
जिससे गर्मी, गर्मी रहे नहीं कोई मनु जले चहुँओर शीतल रहे अंदर-बाहर पतीले। जिससे गर्मी, गर्मी रहे नहीं कोई मनु जले चहुँओर शीतल रहे अंदर-बाहर पतीले...
सड़क पर जाती हुई गाड़ियां सड़क पर धूल उड़ाती गाड़ियां। सड़क पर जाती हुई गाड़ियां सड़क पर धूल उड़ाती गाड़ियां।
मुझ को तो कुछ कहने न दिया अपनी कहानी सुनाने आया मुझ को तो कुछ कहने न दिया अपनी कहानी सुनाने आया
गर्मी तेरे क्या कहने पसीने के आते रेले। गर्मी तेरे क्या कहने पसीने के आते रेले।