पूज्य हुआ जो पतित था, स्वयं का अभिमान खोकर, और इसको ज्ञात था क्या, ज्ञान का अभिमान लेकर? पूज्य हुआ जो पतित था, स्वयं का अभिमान खोकर, और इसको ज्ञात था क्या, ज्ञा...
हिंदी के प्रसार से ही, नव विश्व करें सृजन। हिंदी के प्रसार से ही, नव विश्व करें सृजन।
'कल्पोसे खड़ा चट्टानोंभरा हिमालय ही मेरा पिता है, जहा पैर सम्भलते मेरे वो भूमि वो धरती मेरी माता है।"... 'कल्पोसे खड़ा चट्टानोंभरा हिमालय ही मेरा पिता है, जहा पैर सम्भलते मेरे वो भूमि वो...
है पावन दिवस आज, करते है हम उनको प्रणाम, जो ज्ञान की लौ जला कर मन अलौकिक करते रहते। जन्म दिया माँ–... है पावन दिवस आज, करते है हम उनको प्रणाम, जो ज्ञान की लौ जला कर मन अलौकिक करते र...