पूज्य हुआ जो पतित था, स्वयं का अभिमान खोकर, और इसको ज्ञात था क्या, ज्ञान का अभिमान लेकर? पूज्य हुआ जो पतित था, स्वयं का अभिमान खोकर, और इसको ज्ञात था क्या, ज्ञा...
शिखर वही पाता सदा, जिसके गुरु आराध्य। शिखर वही पाता सदा, जिसके गुरु आराध्य।
बनिए कौशलवान, युक्तियां सीख सही से। जो असाध्य थे काम, सरल अब तकनीकी से। बनिए कौशलवान, युक्तियां सीख सही से। जो असाध्य थे काम, सरल अब तकनीकी से।
पाता वहीं जिसका भाग्य सघन है । और अनवरत उद्यम उन्नयन में है पाता वहीं जिसका भाग्य सघन है । और अनवरत उद्यम उन्नयन में है
कुछ दिलों में मेरे प्रति मलिनता का हो रहा है मुझको काफी स्पष्ट आभास। कुछ दिलों में मेरे प्रति मलिनता का हो रहा है मुझको काफी स्पष्ट आभास।