लौटा पाओगे गंगा की पवित्रता, तवायफ़ की पाकीज़गी, या सहनी पड़ेगी वही ज़िल्लत जो बरसों स लौटा पाओगे गंगा की पवित्रता, तवायफ़ की पाकीज़गी, या सहनी पड़ेगी वही ज़िल्लत ज...
अवसादों का कहीं वास न हो, जो भूल गयी, कुछ खास न हो... मैं याद करूँ उन कटु लम्हों को, कहीं उर में ... अवसादों का कहीं वास न हो, जो भूल गयी, कुछ खास न हो... मैं याद करूँ उन कटु लम्ह...
कुछ दिलों में मेरे प्रति मलिनता का हो रहा है मुझको काफी स्पष्ट आभास। कुछ दिलों में मेरे प्रति मलिनता का हो रहा है मुझको काफी स्पष्ट आभास।