तुझसे नाराज़ नहीं ज़िन्दगी कोई शिकायत नहीं और कोई पछतावा नहीं। तुझसे नाराज़ नहीं ज़िन्दगी कोई शिकायत नहीं और कोई पछतावा नहीं।
जानती हूँ कि तुम राह से थोड़ी भटक भावनाओं में उलझ जाती हो. जानती हूँ कि तुम राह से थोड़ी भटक भावनाओं में उलझ जाती हो.
मोह माया की किसी धारा में न बहना मोह माया की किसी धारा में न बहना
चारों ओर मन मेरा है टूट कर बिखर रहा। चारों ओर मन मेरा है टूट कर बिखर रहा।
उलझनों में उलझी जिंदगी अब सुलझाना चाहती है। उलझनों में उलझी जिंदगी अब सुलझाना चाहती है।
सुकून की हसरत हम भी करते हैं, इसी चाह में तार तार हो गया हूं, सुकून की हसरत हम भी करते हैं, इसी चाह में तार तार हो गया हूं,