नहीं जानता तुम मेरी इस विचारग्नि पर किस तरह का अमृतजल बिखेरेगी नहीं जानता तुम मेरी इस विचारग्नि पर किस तरह का अमृतजल बिखेरेगी
हमको एक बनाने में कई बने यहाँ श्मशान है एक प्रश्न का का मेरे अंदर उमड़ रहा तूफान है हमको एक बनाने में कई बने यहाँ श्मशान है एक प्रश्न का का मेरे अंदर उमड़ रहा तू...