अनन्तकाल के लिए किसी भी तरह के ग्रहण लगने से सुरक्षित कर लो। अनन्तकाल के लिए किसी भी तरह के ग्रहण लगने से सुरक्षित कर लो।
सुने कोई अस्त हुई नारी की व्यथा तो कोई बात बने।। सुने कोई अस्त हुई नारी की व्यथा तो कोई बात बने।।
देखता हूँ तुम्हें, कभी छोटी सी, ज्योति की तरह। कभी कुहाँसे में, रूपहली झलमल, बुन्द की तरह। कभी... देखता हूँ तुम्हें, कभी छोटी सी, ज्योति की तरह। कभी कुहाँसे में, रूपहली झलमल,...
तू चले ना चले, राहें चलती जाएँगी, तू चले ना चले, राहें चलती जाएँगी,
नभ में धूल उड़ाती गायें गोधूलि वेला लाई हैं। नभ में धूल उड़ाती गायें गोधूलि वेला लाई हैं।
और बनावटी हंसी के साथ जिंदगी जीने का नाटक कर रहे हैं। और बनावटी हंसी के साथ जिंदगी जीने का नाटक कर रहे हैं।