मुमकिन है लोगों काअपने मिलन को ग्रहण कहना। मुमकिन है लोगों काअपने मिलन को ग्रहण कहना।
त्राहि-त्राहि कर उठी हर दिशा हर नजारे का पसीना छूटा सा है ,सितारे भी खो रहे रोशनी यह टकराव भी अनूठा ... त्राहि-त्राहि कर उठी हर दिशा हर नजारे का पसीना छूटा सा है ,सितारे भी खो रहे रोशन...
द्रव्य था न दीप था भाव था न गीत था, बुझते बुझते ही सही लौ जल के आ गई। द्रव्य था न दीप था भाव था न गीत था, बुझते बुझते ही सही लौ जल के आ गई।
अंतिम बूंद तक निचोड़ा अंतिम बूंद तक निचोड़ा
स्वस्थ चिंतन का दमन, खुशियों को लगे ग्रहण, मुस्कुराहटों को लगे बंधन। स्वस्थ चिंतन का दमन, खुशियों को लगे ग्रहण, मुस्कुराहटों को लगे बंधन।
अनन्तकाल के लिए किसी भी तरह के ग्रहण लगने से सुरक्षित कर लो। अनन्तकाल के लिए किसी भी तरह के ग्रहण लगने से सुरक्षित कर लो।