छीन कर सारे अम्न मिरे वो दिन-रात चैन की सांस लेता गया।। छीन कर सारे अम्न मिरे वो दिन-रात चैन की सांस लेता गया।।
चारों तरफ अजीब सा सन्नाटा छाया है सब पर ना जाने क्यों करोना का अज़ाब आया है। चारों तरफ अजीब सा सन्नाटा छाया है सब पर ना जाने क्यों करोना का अज़ाब आया है।
आबो-हवा इस दौर की कुछ ऐसी हो चली है, हर शख़्स अब एक-दूसरे से बच के चलता है! आबो-हवा इस दौर की कुछ ऐसी हो चली है, हर शख़्स अब एक-दूसरे से बच के चलता है!
तितली से मिल के, तितली से मिल के,
तेरी आवाज़ में वो जादू है लोरी में वो असर है तेरी आवाज़ में वो जादू है लोरी में वो असर है
चले थे करने अपनी क़ैद में उसकी आज़ादी को उसकी ताज़गी को उस रानी को चले थे करने अपनी क़ैद में उसकी आज़ादी को उसकी ताज़गी को उस रानी को