छीन कर सारे अम्न मिरे वो दिन-रात चैन की सांस लेता गया।। छीन कर सारे अम्न मिरे वो दिन-रात चैन की सांस लेता गया।।
बदबू बढ़ने लगी है ज़रूर कोई ज़मीर सड़ रहा है कहीं अधिराज अब इसे जला दो कि ज़िंदा लाशों की दुनिया अच्... बदबू बढ़ने लगी है ज़रूर कोई ज़मीर सड़ रहा है कहीं अधिराज अब इसे जला दो कि ज़िंदा...