लेना है मुझे वह सबकुछ जो मेरे सपनों के बागीचे में आज भी उगते हैं लेना है मुझे वह सबकुछ जो मेरे सपनों के बागीचे में आज भी उगते हैं
कितना अच्छा हो....... इन सब को दरकिनार करें और सीधे सरल विचार करें कितना अच्छा हो....... इन सब को दरकिनार करें और सीधे सरल विचार करें
दिल के अंतस से उपजी एक कविता..... दिल के अंतस से उपजी एक कविता.....
ज्ञान का अधूरा सपन नींद में है चल रहे सब उठाए अपना-अपना गगन। ज्ञान का अधूरा सपन नींद में है चल रहे सब उठाए अपना-अपना गगन।
संग कैसे द्वय को तुष्ट करें संग कैसे द्वय को तुष्ट करें
कभी शक्ति रूप में रक्तबीज कोरोना का संहार करो। कभी शक्ति रूप में रक्तबीज कोरोना का संहार करो।