ज्ञान का अधूरा सपन नींद में है चल रहे सब उठाए अपना-अपना गगन। ज्ञान का अधूरा सपन नींद में है चल रहे सब उठाए अपना-अपना गगन।
लेना है मुझे वह सबकुछ जो मेरे सपनों के बागीचे में आज भी उगते हैं लेना है मुझे वह सबकुछ जो मेरे सपनों के बागीचे में आज भी उगते हैं
थोड़ा तेल लेकर हाथ में रख निरीक्षण है करते। थोड़ा तेल लेकर हाथ में रख निरीक्षण है करते।
कितना अच्छा हो....... इन सब को दरकिनार करें और सीधे सरल विचार करें कितना अच्छा हो....... इन सब को दरकिनार करें और सीधे सरल विचार करें